बस यही सोच सोच के दिमाग ख़राब हो रहा था एक मन कर रहा था के कॉल करूँ और एक कर रहा था के कॉल नहीं करूँ और फिर मैंने सोचा के कॉल करूँगी या नहीं ये बाद की बात है और मैं सो गयी सोचते सोचते |अगला दिन हुआ सुबह नार्मल ही थी दोपहर में मम्मी ने कहा के वो मार्किट जा रही है और् मैं घर में अकेली थी तो सोचा चलो कॉल कर ही लेती हूँ और जैसे कॉल करने को हुई पापा आ गए उन्हें खाना पर्सा और वो खाना खा कर फिर से
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